नाकाम आशिक

सोचा जब भी मैंने पाना तुझे,दिल ने रास्ता दिखाया नहीं,
आंखें खुली की खुली रह गई,जज्बातों में मुझको जगाया नहीं,
दिल कबसे मेरा बेचैन था,पर चाहत की गलियों में आया नहीं,
याद जब भी सीने में तेरी उठी,मेरी मजबूरियों ने उनको रुखसत किया,
सांसे थम सी गई मुझको ऐसा लगा,मरते दम तक भी जो तुझको पाया नहीं,
खैर ले ले मेरा आखरी अलविदा,शायद किस्मत में था तेरा मिलना नहीं।

By - Ritesh Goel 'Besudh'

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