साहिलों पर ठहर कर दरकिनारा हुए है , एक मुददत के बाद आज शायराना हुए है , ये असर तुम्हारी मोहब्बत का है या इन हवाओं का , बदलते मौसम के मिज़ाज़ से आशिक़ाना हुए है। By - Ritesh Goel 'Besudh'
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